क्षणिकाएं – १३

क्षणिकाएं – १३

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उनकी ये ख्वाहिश, यूं रोज ख्वाब में लाया करो
लाते भी हो तो, यूं हमको ना सताया करो
मेरी तमन्ना, ख्वाब में आके नींदें उड़ाया करो।।

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तेरे जाने का गम कुछ इस तरह गलत किया
ख्वाब में तुमसे, फिर मिलने का वादा हमने लिया।।

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चलो दूर इस दुनिया से दूर कहीं चलते हैं
यहां लोग इश्क के नाम ही से जलते है
अपने घर में उजाले की चाहत रखने वाले
देख परवाने को शमा को भी बुझा सकते हैं।।

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दुनिया से दूर क्या कोई ऐसा शहर होगा
हर दिल में सिर्फ जहां प्यार का मंजर होगा
ना खिचेंगी शमशीरे उठेंगे खंजर वहां
सिर्फ कातिल निगाहों का हर गाम चर्चा होगा।।

आभारनवीन पहल०३.०८.२०२२  ❤️🌹🙏💐

# नॉन स्टॉप २०२२ 

 

 

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7 Comments

shweta soni

04-Aug-2022 11:58 AM

Nice 👍

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Khushbu

04-Aug-2022 08:52 AM

शानदार

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Raziya bano

03-Aug-2022 10:33 PM

Superb

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